वित्तीय बाजार का अर्थ एवं कार्य Meaning and functions of financial markets

वित्तीय बाजार का अर्थ एवं कार्य Meaning and functions of financial markets

वित्तीय बाजार का अर्थ एवं कार्य (Meaning and functions of financial markets)

वित्तीय बाजार एक ऐसी संस्थागत व्यवस्था है जिसमें क्रेता एवं विक्रेता नियमित रूप से वित्त का विनिमय (Exchange of finance ) करते हैं वित्तीय बाजार कहलाता है।

वित्तीय बाजार अनेक बंजारों का एक समूह है जो व्यवसाय के संचालन हेतु आवश्यक होता है इसके अंतर्गत कटौती बाजार, मुद्रा बाजार, स्टॉक विनिमय, या प्रतिभूति बाजार व विदेशी विनिमय बाजार आते हैं।

वित्तीय बाजार का अर्थ एवं कार्य Meaning and functions of financial markets

वित्तीय बाजार भी एक प्रकार की वस्तुओं व सेवाओं के बाजार की बात होते हैं। वित्तीय बाजार में चेको,ऑन मौद्रिक जमावों, बांण्डो व बिलों और मुद्राओं, डेरिवेटिव्स आदि विभिन्न प्रकार की वित्तीय परसंपत्तियों का व्यापार किया जाता है।

वित्तीय बाजार में क्रेता व विक्रेताओं के मध्य पारस्परिक मोल भाव के फल स्वरुप क्रय विक्रय की जाने वाली वित्तीय संपत्ति के मूल्य का निर्धारण से संबंधित सूचना दी जाती है यह वित्तीय संपत्ति के लेनदेन को सुरक्षा प्रदान करता है और साथ ही संबंधित सूचना की न्यूनतम लागत भी सुनिश्चित करता है।

वित्तीय बाजार के प्रमुख घटक

मुद्रा बाजार (Money market)
पूंजी बाजार (Capital market)
वस्तु बाजार (Commodity market)
व्युत्पन्न बाजार (Derivative market)
वायदा बाजार (Future market)
विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Money exchange market)

01- मुद्रा बाजार (Money market)

मुद्रा बाजार वह बाजार है जहां पर उच्च तरलता तथा कम अवधि में परिपक्व होने वाले वित्तीय उपकरणों का क्रय – विक्रय किया जाता है वह मुद्रा बाजार कहलाता है। इस बाजार में कुछ समय के लिए उधार एवं ऋण लिए जाते हैं जिनका समय एक रात से लेकर 1 वर्ष तक के लिए होते हैं। और मुद्रा बाजार के द्वारा ही रिजर्व बैंक मुद्रा तरलता की मात्रा को नियंत्रित करता है।

02 पूंजी बाजार (Capital market)

पूंजी बाजार वह बाजार होता है जो दीर्घकालिक ऋणों का लेनदेन करता है और यह व्यापार व उद्योग को कर सेट पूंजी उपलब्ध कराता है साथ ही केंद्रीय और राज्यों के स्थानीय सरकारों को मध्यम अवधि के ऋणों के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है । पूंजी बाजार कहलाता है।

03- वस्तु बाजार (Commodity market)

वस्तु बाजार एक ऐसा बाजार है जिसमें केवल प्राथमिक वस्तुओं का क्रय विक्रय किया जाता है इसमें प्राथमिक वस्तुओं को दो भागों में बांटा जाता है – 01- हार्ड कमोडिटी और 02- सॉफ्ट कमोडिटी, वास्तु बाजार कहलाता है
हार्ड कमोडिटी (Hard commodities)
हार्ड कमोडिटी यह प्रायः प्राकृतिक संसाधन होते हैं जिनका शोधन अथवा खनन किया जाता है जैसे तेल एवं सोना आदि
सॉफ्ट कमोडिटीज ( Soft commodities) सॉफ्ट कमोडिटीज यह प्रिया कृषि योग संबंध उत्पाद होते हैं जैसे मक्का, गेहूं, कहवा, चीनी, मांस, पशुधन, आदि।

04 – व्युत्पन्न बाजार ( Derivative market)

व्युत्पन्न बाजार वह वित्तीय बाजार है जिसमें डेरिवेटिव का व्यापार किया जाता है डेरिवेटिव वित्तीय अनुबंध ( Financial Contract) होता है जिसका मूल्य किसी अंतर्निहित सम्पत्ति ( Underlying asset) से निकाला जाता है- डेरिवेटिव भंडार (Stock) वस्तुओं (Commodities) मुद्राओं (Currencies) बाजार सूचकांक (Market indices) को विनिमय दरो (Exchange rate) या ब्याज की दरों आदि के रूप में हो सकते हैं। ये वित्तीय उपकरण किसी अंतर्निहित संपत्ति के भविष्य के मूल्य पर बोली लगाने में भी सहायता करते हैं।

वित्तीय बाजार का अर्थ एवं कार्य Meaning and functions of financial markets

वायदा बाजार (Future market)

वायदा बाजार एक ऐसा बाजार है जिसके द्वारा भविष्य के लिए व्यापारिक समझौते और सौदे होते हैं इन समझौता के द्वारा दोनों पक्षों क्रेता और विक्रेताओं से वस्तुओं के क्रय और विक्रय का वायदा किया जाता है। यह समझौता अंशो और मुद्राओ के क्रय विक्रय के लिए भी किए जाते हैं जो एक प्रकार से एक निश्चित तारीख व निश्चित कीमत पर निर्धारित किए जाते हैं।

विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार ( Foreign exchange market)

यह मुद्राओं के व्यापार के लिए एक वैश्विक विकेंद्रीकृत बाजार है। इस बाजार के भागीदार बड़े अंतरराष्ट्रीय बैंक हैं।
विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार वित्तीय संस्थानों के माध्यम से कार्यकर्ता है विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार मुद्रा रूपांतरण के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में निवेश संबंधी सहायता करता है।

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